कविता (Poem)
कविता मन का पंक्षी हैं
पंख पसारे उड़ जाता हैं
कभी चाँद तारों पर जाता
कभी सागर में गोते खाता
कविता मन का पंक्षी हैं
पंख पसारे उड़ जाता हैं
कभी खेलता लोट - पोट कर
कभी वो रोता फूटफूटकर
कभी झलकता प्यार नयन में
कभी उदास हो जाता हैं
कविता की क्या बात करें
कविता मन का पंक्षी है
पंख पसारे उड़ जाता हैं
- दीपमाला श्रीवास्तव
पंख पसारे उड़ जाता हैं
कभी चाँद तारों पर जाता
कभी सागर में गोते खाता
कविता मन का पंक्षी हैं
पंख पसारे उड़ जाता हैं
कभी खेलता लोट - पोट कर
कभी वो रोता फूटफूटकर
कभी झलकता प्यार नयन में
कभी उदास हो जाता हैं
कविता की क्या बात करें
कविता शब्दों का दाता हैं
कविता मन का पंक्षी है
पंख पसारे उड़ जाता हैं
- दीपमाला श्रीवास्तव
Very nice. ....this lines ..
ReplyDeletethank you very much
DeleteNice
ReplyDeleteThank u 😊😊
Deletenice lines di.
ReplyDeleteThank u ankita
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