पिता (father)

जिस पिता का उंगली पकड़कर 
              खुशी का अहसास होता था 
उनके कंधे पर चढ़कर 
               ऊंचाई का आभास होता था


उन्हें इस तरह फुटपाथ पर क्यों बिठाया है
         जो खिलखिलाते थे तुम्हारी छोटी सी मुस्कान से उन्हें घूँट आंसू का क्यों पिलाया हैं 
           कितने प्यार से तुमको वो दिल में बैठाएं थे 
दिल तोड़ कर उनका घर से क्यों निकाला है...?

                                                  -दीपमाला श्रीवास्तव






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